Published On :
17-Apr-2025
(Updated On : 18-Apr-2025 05:13 am )
जन्म से नागरिकता पर ट्रंप को सुप्रीम कोर्ट से झटका, मई में सुनी जाएंगी दलीलें.
Abhilash Shukla
April 18, 2025
Updated 5:13 am ET
जन्म से नागरिकता पर ट्रंप को सुप्रीम कोर्ट से झटका, मई में सुनी जाएंगी दलीलें
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। अदालत ने उनके उस कार्यकारी आदेश पर रोक जारी रखी है, जिसमें अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले लोगों के बच्चों को जन्म से नागरिकता देने की प्रक्रिया को समाप्त करने की कोशिश की गई थी।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस संवेदनशील मुद्दे पर दलीलें सुनने पर सहमति जताई है, जो मई माह में सुनी जाएंगी।
तीन जिला अदालतों ने लगाई थी रोक
ट्रंप प्रशासन के इस आदेश को पहले ही देश की तीन जिला अदालतों ने रोक दिया था, और अपील अदालतों ने भी इन फैसलों को पलटने से इनकार कर दिया। ट्रंप प्रशासन इस नीति को देश के कुछ हिस्सों में लागू करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसे वहां भी सफलता नहीं मिली।
विपक्ष का आरोप: जन्म से नागरिकता की परंपरा को अस्थिर करने की कोशिश
इस आदेश के खिलाफ मुकदमा करने वाले राज्य सरकारों, अप्रवासी अधिकार समूहों और नागरिक संगठनों का आरोप है कि ट्रंप प्रशासन संशोधन के तहत मान्य जन्म से नागरिकता की अवधारणा को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है, जो लंबे समय से अमेरिकी संविधान का हिस्सा रही है।
न्याय विभाग का तर्क
अमेरिकी न्याय विभाग का कहना है कि व्यक्तिगत न्यायाधीशों के पास यह अधिकार नहीं होना चाहिए कि वे अपने फैसलों को राष्ट्रव्यापी स्तर पर लागू करें। प्रशासन चाहता है कि अदालत केवल उन्हीं व्यक्तियों और समूहों पर रोक लगाए जिन्होंने मुकदमा किया है।
यदि न्यायालय प्रशासन से सहमत होता है, तो इससे एक भ्रामक कानूनी ढांचा तैयार हो सकता है, जहां राज्य विशेष यह निर्धारित कर सकते हैं कि किसी बच्चे को नागरिकता मिलेगी या नहीं।
सार्वजनिक घोषणा की अनुमति की मांग
एक वैकल्पिक प्रस्ताव के रूप में, ट्रंप प्रशासन ने अदालत से **कम से कम इस बात की अनुमति मांगी है कि वह सार्वजनिक रूप से यह बता सके कि यदि उसकी नीति को अनुमति दी गई तो वह उसे कैसे लागू करेगा।
राष्ट्रव्यापी निषेधाज्ञा पर भी बहस
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अब तक राष्ट्रव्यापी निषेधाज्ञा पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं दिया है, कई न्यायाधीश इस तरह की रोक के खिलाफ चिंता जता चुके हैं। इस केस में कोर्ट ने अंततः ट्रंप की नीति को फिलहाल रोक दिया, लेकिन निषेधाज्ञा के अधिकार पर कोई फैसला नहीं सुनाया है।
अब सबकी निगाहें मई में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जिसमें यह तय होगा कि अमेरिका में जन्म से नागरिकता की व्यवस्था पर कोई बदलाव होगा या नहीं।