सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा की याचिका की खारिज, जले हुए नोटों के मामले में जांच की वैधता को दी थी चुनौती.
नई दिल्ली। घर से जले हुए नोट बरामद होने के बाद से मुसीबत में फंसे जस्टिस यशवंत वर्मा को कहीं से राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका खारिज कर दी। जस्टिस वर्मा ने कैश कांड में जांच की वैधता को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा की कोई दलील नहीं सुनी और उनकी अर्जी खारिज कर दी।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा ने अपनी याचिका में आंतरिक तीन न्यायाधीशों की जांच समिति की रिपोर्ट और पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश को चुनौती दी थी। जस्टिस यशवंत वर्मा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई को कहा था कि आपका आचरण बहुत कुछ कहता है। कोर्ट ने कैश कांड मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आचरण आत्मविश्वास को प्रेरित नहीं करता।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच मामले में सुनवाई कर रही थी। पीठ ने जस्टिस वर्मा के वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि अगर उन्हें लगता था कि कमेटी के पास जांच करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है तो वह कमेटी के सामने क्यों पेश हुए। जस्टिस वर्मा का आचरण प्रासंगिक है। आपका आचरण बहुत कुछ कहता है। आपका आचरण आत्मविश्वास को प्रेरित नहीं करता।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि जांच कमेटी के गठन में कोई कानूनी कमी नहीं थी। कोर्ट ने माना कि उनके घर पर मिले जले हुए कैश का वीडियो अपलोड करना गलत हो सकता है, लेकिन याचिकाकर्ता ने तब उसका विरोध नहीं किया। न ही अपनी याचिका में इसे उठाया। उनके वकील कपिल सिब्बल ने सुनवाई के दौरान जस्टिस वर्मा के घर पर जला हुआ कैश मिलने का वीडियो सार्वजनिक किए जाने का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि माहौल पहले ही उनके खिलाफ बना दिया गया। ऐसा खुद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने किया। उन्होंने सिर्फ इतना ही नहीं किया, कमेटी की रिपोर्ट के बाद जज को पद से हटाने की सिफारिश भी राष्ट्रपति को भेज दी। पूर्व सीजेआई संजीव खन्ना की ओर से पद से हटाने और कमेटी गठित करने की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजे जाने पर जस्टिस वर्मा की आपत्ति को लेकरसुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करने के साथ ही जस्टिस यशवंत वर्मा पर एफआईआर की मांग वाली वकील मैथ्यूज नेदुंपरा की याचिका भी खारिज दी है।