प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नामीबिया यात्रा: संसद को संबोधित करते हुए साझा लोकतंत्र, विकास और प्रोजेक्ट चीता पर दिया संदेश.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नामीबिया यात्रा: संसद को संबोधित करते हुए साझा लोकतंत्र, विकास और प्रोजेक्ट चीता पर दिया संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पांच देशों के विदेश दौरे के अंतिम चरण में नामीबिया पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। राजधानी विंडहोक स्थित स्टेट हाउस में नामीबिया की राष्ट्रपति नेतुम्बो नदैतवा ने उनका गर्मजोशी से अभिनंदन किया। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर के साथ 21 तोपों की सलामी भी दी गई। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की नामीबिया की तीसरी यात्रा और पीएम मोदी की पहली यात्रा है।

संसद को संबोधन: लोकतंत्र, संविधान और महिला नेतृत्व का उल्लेख
प्रधानमंत्री मोदी ने नामीबिया की संसद को संबोधित करते हुए इसे “लोकतंत्र के मंदिर” में बोलने का सौभाग्य बताया। उन्होंने भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए कहा कि वे 1.4 अरब भारतीयों की शुभकामनाएं साथ लाए हैं। अपने भाषण में पीएम मोदी ने हाल ही में नामीबिया की पहली महिला राष्ट्रपति के निर्वाचन का उल्लेख करते हुए बधाई दी और कहा कि भारत भी अब “मैडम प्रेसिडेंट” कहने पर गर्व करता है।
संविधान की ताकत पर ज़ोर
पीएम मोदी ने भारतीय संविधान की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि यही संविधान है जिसकी वजह से एक गरीब आदिवासी परिवार की बेटी आज भारत की राष्ट्रपति बनी और एक साधारण परिवार में जन्मा व्यक्ति तीसरी बार प्रधानमंत्री बना। उन्होंने कहा, “जिसके पास कुछ भी नहीं है, उसके पास संविधान की गारंटी है।”
भारत-नामीबिया संबंध और साझा भविष्य
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-नामीबिया संबंधों को ऐतिहासिक और सामरिक बताते हुए साझा विकास और सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत, नामीबिया के "विजन 2030" के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में मिलकर काम करेगा। उन्होंने इस साझेदारी को “लोग-केंद्रित” बताया और बताया कि भारत की छात्रवृत्तियों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों से अब तक 1700 से अधिक नामीबियाई नागरिक लाभान्वित हो चुके हैं।
प्रोजेक्ट चीता का जिक्र और आभार
पीएम मोदी ने प्रोजेक्ट चीता में सहयोग के लिए नामीबिया का विशेष धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि नामीबिया से लाए गए चीतों को भारत के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा गया है और वे अपने नए घर में अच्छे से रह रहे हैं। उन्होंने कहा, “वे भारत में अपने समय का आनंद ले रहे हैं और उनकी संख्या भी बढ़ी है।”
प्रेरणा का प्रतीक: अफ्रीकी मछली ईगल
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के अंत में नामीबिया के राष्ट्रीय पक्षी – अफ्रीकी मछली ईगल – का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह पक्षी हमें ऊंची उड़ान भरने, नई संभावनाओं को देखने और साहसपूर्वक आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नामीबिया यात्रा ने न केवल दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को मजबूती दी है, बल्कि भविष्य की साझेदारी के नए रास्ते भी खोले हैं। संसद में दिए गए उनके संबोधन ने लोकतंत्र, सामाजिक समावेशन और वैश्विक सहयोग को एक नई दिशा देने का संदेश दिया।