पासपोर्ट और वीजा जालसाजी पर अब सात साल तक की सजा.
पासपोर्ट और वीजा जालसाजी पर अब सात साल तक की सजा
भारत में आव्रजन एवं विदेशी अधिनियम, 2025 सोमवार से लागू हो गया है। इसके तहत अब जाली या धोखाधड़ी से प्राप्त पासपोर्ट, वीजा या अन्य यात्रा दस्तावेजों के इस्तेमाल पर कड़ी सजा और भारी जुर्माना तय किया गया है।
जाली दस्तावेज़ों पर सख्त सजा
कानून के अनुसार, जो कोई भी जानबूझकर जाली पासपोर्ट या वीजा का उपयोग करके भारत में प्रवेश करता है, देश में रहता है या देश से बाहर जाता है, उसे कम से कम दो वर्ष और अधिकतम सात वर्ष की कैद की सजा दी जाएगी। इसके साथ ही न्यूनतम 1 लाख रुपये और अधिकतम 10 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया जा सकता है। जाली दस्तावेज देने वालों को भी यही सजा भुगतनी होगी।
विदेशी नागरिकों पर नियंत्रण
इस अधिनियम के तहत केंद्र सरकार को उन स्थानों पर नियंत्रण का अधिकार मिल गया है, जहां विदेशियों का आना-जाना अधिक होता है। सरकार इन स्थानों को बंद करने, सीमित शर्तों पर इस्तेमाल की अनुमति देने या खास वर्ग के विदेशियों के प्रवेश पर रोक लगाने का आदेश दे सकती है।
यदि कोई विदेशी वैध यात्रा दस्तावेज के बिना भारत आता है, तो उसे पांच वर्ष तक की कैद, पांच लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।
संस्थानों और एयरलाइंस की जिम्मेदारी
कानून के तहत अब होटलों, विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को अपने यहां ठहरने वाले विदेशियों की जानकारी देना अनिवार्य होगा, ताकि तय अवधि से अधिक रुकने वाले व्यक्तियों पर निगरानी रखी जा सके।
साथ ही, सभी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस और जहाजों को विदेशी यात्रियों और चालक दल के विदेशी सदस्यों की अग्रिम जानकारी अधिकारियों को उपलब्ध करानी होगी।
विधेयक को मिली मंजूरी
इस विधेयक को संसद के बजट सत्र में मंजूरी मिली थी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस पर 4 अप्रैल को हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद गृह मंत्रालय ने इसे लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी।