आसमान में आखिरी बार दिखा मिग-21 का जलवा, रक्षा मंत्री की मौजूदगी में दी गई शानदार विदाई.
चंडीगढ़। भारतीय वायुसेना का सबसे घातक फाइटर जेट मिग-21 शुक्रवार को रिटायर हो गया। चंडीगढ़ एयरबेस से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इसे आखिरी विदाई दी गई। इस समारोह में सीडीएस जनरल अनिल चौहान, सीओएएस जनरल उपेंद्र द्विवेदी और सीएनएस एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी शामिल हुए।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं सबसे पहले भारतीय वायुसेना के वीरों को नमन करता हूं। आजादी से लेकर अब तक आप सब ने भारत की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिस शौर्य पराक्रम का परिचय दिया है, वह अपने आप में सभी भारतीयवासियों के लिए प्रेरणादायी है। आपकी वीरता की यह जो यात्रा रही है, इसके पीछे मैं समझता हूं कि मिग-21 का बहुत बड़ा योगदान रहा है। आज जब हम मिग-21 को इसकी ऑपरेशनल जर्नी से विदाई दे रहे हैं, हम एक ऐसे अध्याय को विदा करने जा रहे हैं जो न केवल भारतीय वायुसेना के इतिहास में बल्कि हमारी पूरी सैन्य उड्डयन की जर्नी में गोल्डन लेटर से लिखा जाएगा।
कई युद्धों में दिया था साथ
राजनाथ सिंह ने कहा क मिग-21 कई मिशन में शामिल रहा है। 1971 से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक हर मिशन में मिग ने भारतीय सेना को मजबूती दी है। 1971 में जब मिग ने ढाका के गवर्नर हाउस पर हमला किया तो उस युद्ध का दिशा ही बदल गई थी। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह मौका राष्ट्रीय गौरव और सामूहिक सफलता का भी है। हमारा प्राचीन कल्चर हमें बताता है कि निर्जीव वस्तुओं में भी ईश्वर का वास होता है और हमारा यही दृष्टिकोण है। हम लोग पत्थर को भी पूजते हैं। हम लोग कुछ दिनों में दशहरा में शस्त्र की पूजा करेंगे. यह हमारी सारे उपकरण के प्रति कृतज्ञता को दिखाता है, जो हमें सुरक्षा देते हैं या जिसका हमारे जीवन में कुछ भी योगदान है, उसको सम्मान देना चाहिए। फिर मिग-21 तो हमारी शक्ति का सिंबल रहा है। इसको सम्मान मिलना ही चाहिए।