रूस से कच्चे तेल और एस-400 डील पर बढ़ी भारत की संभावनाएं
सितंबर माह में भारत द्वारा खरीदे गए रूसी कच्चे तेल की मात्रा अगस्त की तुलना में 10-20% बढ़ गई। यानी भारत ने रूस से लगभग 1.5 लाख से 3 लाख बैरल अतिरिक्त खरीद की। अब रूस की ओर से और छूट मिलने की संभावना है, जिससे यह खरीद और बढ़ सकती है।

कच्चे तेल पर रियायत और टैरिफ का दबाव
- भारत पहले से ही रूस से डिस्काउंट पर तेल खरीद रहा है।
- मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूराल क्रूड की कीमत ब्रेंट क्रूड से 3-4 डॉलर प्रति बैरल कम हो सकती है।
- सितंबर के अंत और अक्टूबर में इस छूट का लाभ मिलने की संभावना है।
- जुलाई में यह छूट केवल 1 डॉलर प्रति बैरल, अगस्त में 2.50 डॉलर प्रति बैरल और अब बढ़कर 3-4 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है।
- बीते महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया था, जिसमें से 25% रूस से तेल खरीद पर था।
- अमेरिका का आरोप है कि रूस से भारत की खरीद से यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषण मिलता है।
यदि रूस से और रियायत मिलती है तो भारत पर अमेरिकी टैरिफ का आर्थिक दबाव कुछ हद तक कम हो सकता है।
एस-400 डिफेंस सिस्टम पर नई बातचीत
- भारत और रूस के बीच एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर नई बातचीत जारी है।
- 2018 में दोनों देशों के बीच 5.5 अरब डॉलर में 5 एस-400 सिस्टम की डील हुई थी।
- इनमें से 3 सिस्टम भारत को मिल चुके हैं, जबकि बाकी दो सिस्टम 2026 और 2027 में मिलने की उम्मीद है।
- रूस की फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री टेक्निकल कॉपरेशन के प्रमुख दिमित्री सुगायेव ने पुष्टि की है कि दोनों देश इस सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा कर रहे हैं।
ऑपरेशन सिंदूर में एस-400 की भूमिका
- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एस-400 सिस्टम ने भारतीय वायु रक्षा को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई।
- इसकी वजह से पाकिस्तान के लड़ाकू विमान भारत के खिलाफ कोई दुस्साहस नहीं कर सके।
- यही कारण है कि भारत अब और अधिक एस-400 सिस्टम खरीदने पर विचार कर रहा है।
रूस से सस्ते कच्चे तेल और अतिरिक्त एस-400 सिस्टम की संभावनाएं भारत के लिए न केवल आर्थिक लाभ बल्कि रणनीतिक मजबूती भी साबित हो सकती हैं।