भारतीय नौसेना को मिली नई ताकत: आईएनएस उदयगिरी और आईएनएस हिमगिरी शामिल
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज भारतीय नौसेना की पूर्वी नौसेना कमान में दो नए युद्धपोत—आईएनएस उदयगिरी और आईएनएस हिमगिरी—को नौसेना में कमीशन किया। इस मौके पर उन्होंने नौसेना को बधाई दी और इन जहाजों को भारत की समुद्री सुरक्षा का "अजेय रक्षक" बताया।

राजनाथ सिंह का संबोधन
- राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से ऐसा युद्धपोत बनाया है, जिसे वे अमेरिका के एफ-35 लड़ाकू विमान से तुलना करते हैं।
- उन्होंने कहा, “एक देश के पास उड़ने वाला एफ-35 है और आपने तैरने वाला एफ-35 बना दिया है, वो भी भारत में।”
- इन युद्धपोतों में लगे हथियार और सेंसर इन्हें समुद्र का अद्वितीय संरक्षक बनाते हैं।
- इनमें शामिल हैं:
- लंबी दूरी तक हमला करने वाले हथियार
- ध्वनि से तेज गति वाली मिसाइलें
- रॉकेट लॉन्चर और टॉरपीडो लॉन्चर
- आधुनिक कंप्यूटर और फायर कंट्रोल सिस्टम
प्रोजेक्ट 17ए युद्धपोत
- आईएनएस उदयगिरी: प्रोजेक्ट 17ए का दूसरा युद्धपोत, जिसे मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने बनाया।
- आईएनएस हिमगिरी: प्रोजेक्ट 17ए का पहला युद्धपोत, जिसे कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) ने तैयार किया।
- ये जहाज पुराने डिज़ाइन से कई गुना बेहतर हैं और इनके नाम पूर्ववर्ती आईएनएस उदयगिरी (F35) और आईएनएस हिमगिरी (F34) पर रखे गए हैं, जिन्होंने 30 साल से अधिक सेवा दी थी।
भविष्य की तैयारी
- रक्षा मंत्री ने कहा कि बदलते दौर में नई तकनीक और आधुनिक हथियार अपनाना अनिवार्य है।
- उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में रक्षा क्षेत्र में शोध और विकास (R&D) को दी गई प्राथमिकता का ज़िक्र किया।
- सिंह ने कहा कि जंग का तरीका लगातार बदल रहा है, इसलिए सेना को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रखना होगा।
नौसेना की ताकत में इजाफा
राजनाथ सिंह ने कहा कि इन दोनों युद्धपोतों के शामिल होने से भारतीय नौसेना और भी ताकतवर हो गई है और अब यह एक असली "ब्लू वॉटर नेवी" बन चुकी है, जो किसी भी परिस्थिति में अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा क