गंगा-ब्रह्मपुत्र में 6,324 डॉल्फिन दर्ज.
गंगा-ब्रह्मपुत्र में 6,324 डॉल्फिन दर्ज
गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों में जीवन के संकेत फिर से मजबूत हुए हैं। वन्यजीव संस्थान ऑफ इंडिया (WII) की रिपोर्ट के अनुसार इन दोनों प्रमुख नदियों और उनकी सहायक धाराओं में कुल 6,324 गंगा डॉल्फिन दर्ज की गई हैं। यह रिपोर्ट राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) को सौंपी गई है।

गंगा डॉल्फिन भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव है और यह केवल स्वच्छ, बहती व प्रदूषण-मुक्त धाराओं में जीवित रह सकती है। इनकी मौजूदगी नदियों के स्वास्थ्य का सबसे विश्वसनीय संकेतक मानी जाती है। कभी घटती संख्या से चिंतित करने वाली यह प्रजाति अब संरक्षण प्रयासों के चलते उम्मीद की किरण जगाती दिख रही है।
सर्वेक्षण के मुख्य तथ्य
डॉल्फिन आबादी का वितरण
राज्यों के अनुसार स्थिति
सर्वेक्षण की विधि
विशेषज्ञों की टीम ने नावों से सर्वेक्षण किया। डॉल्फिन की गिनती में एन-मिश्रण मॉडल का उपयोग हुआ ताकि एक ही डॉल्फिन की दोबारा गिनती न हो। नदी की गहराई, प्रवाह, मछली पकड़ने और रेत खनन जैसी गतिविधियों को भी दर्ज किया गया।
रिपोर्ट बताती है कि गंगा डॉल्फिन की बढ़ती संख्या जल संरक्षण और जैव विविधता की रक्षा में देश के निरंतर प्रयासों की सफलता का प्रमाण है।