वैश्विक दक्षिण की चुनौतियों पर बोले एस. जयशंकर – बहुपक्षवाद खतरे में.
वैश्विक दक्षिण की चुनौतियों पर बोले एस. जयशंकर – बहुपक्षवाद खतरे में
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क में समान विचारधारा वाले वैश्विक दक्षिण देशों की उच्च-स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया इस समय बेहद अनिश्चित दौर से गुजर रही है, जो सदस्य देशों के लिए बढ़ती चिंता का कारण है।

उन्होंने बताया कि वैश्विक दक्षिण कई गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है, जो इस दशक के शुरुआती वर्षों में और अधिक बढ़ गई हैं। इनमें कोरोना महामारी के झटके, यूक्रेन और गाज़ा में चल रहे दो बड़े संघर्ष, चरम जलवायु घटनाएं, व्यापार में अस्थिरता, निवेश प्रवाह और ब्याज दरों में अनिश्चितता जैसी समस्याएं शामिल हैं। इसके साथ ही सतत विकास लक्ष्यों के एजेंडे में विनाशकारी मंदी भी देखी जा रही है।
जयशंकर ने चेतावनी दी कि सबसे बड़ी चिंता यह है कि अंतरराष्ट्रीय प्रणाली में विकासशील देशों के अधिकार और अपेक्षाएं, जो कई दशकों की मेहनत से स्थापित हुए हैं, आज गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बढ़ती चिंताओं और जोखिमों को देखते हुए यह स्वाभाविक है कि वैश्विक दक्षिण के देश समाधान के लिए बहुपक्षवाद की ओर रुख करें। लेकिन दुर्भाग्य से वहां भी निराशाजनक स्थिति बनी हुई है। बहुपक्षवाद की अवधारणा ही खतरे में है, अंतरराष्ट्रीय संगठन या तो अप्रभावी हो रहे हैं या संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। समकालीन व्यवस्था की नींव कमजोर पड़ रही है और आवश्यक सुधारों में लगातार देरी का कारण अब स्पष्ट रूप से सामने है।