निमिषा प्रिया को यमन में सज़ा-ए-मौत से राहत: भारत सरकार की कोशिशें रंग ला रहीं.
निमिषा प्रिया को यमन में सज़ा-ए-मौत से राहत: भारत सरकार की कोशिशें रंग ला रहीं
यमन में सज़ा-ए-मौत का सामना कर रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को बड़ी राहत मिली है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि 16 जुलाई को दी जानी वाली मौत की सज़ा को यमन के स्थानीय प्रशासन ने फिलहाल टाल दिया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा,
“निमिषा प्रिया मामले में भारत सरकार हरसंभव सहायता मुहैया करा रही है। मंत्रालय ने कानूनी मदद उपलब्ध कराई है और परिवार की मदद के लिए एक वकील भी नियुक्त किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा,
“नियमित कांसुलर मुलाक़ात की भी व्यवस्था की गई है। सरकार यमन के स्थानीय अधिकारियों और परिवार से लगातार संपर्क में है ताकि मामले का समाधान निकाला जा सके।”
जायसवाल ने बताया कि हाल के दिनों में विशेष प्रयास किए गए हैं ताकि निमिषा के परिवार को और समय मिल सके और दूसरी पक्ष के साथ आपसी सहमति से समाधान संभव हो।
भारत सरकार इस मामले पर लगातार क़रीबी नज़र बनाए हुए है और उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार कुछ "दोस्ताना सरकारों" से भी इस विषय में संपर्क में है।
अरब मीडिया में निमिषा प्रिया और उनके बिज़नेस पार्टनर रहे यमनी नागरिक तलाल के साथ हुए विवाद की काफी चर्चा हो रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, निमिषा पर तलाल की हत्या का आरोप है, जो कथित रूप से साझेदारी में धोखाधड़ी और उत्पीड़न के बाद हुआ। इस संवेदनशील और जटिल मामले को स्थानीय मीडिया "क़ानूनी और सांस्कृतिक टकराव" के रूप में देख रहा है।
कुछ मीडिया संस्थानों ने इसे "विदेशी महिला द्वारा स्थानीय कानून के उल्लंघन का मामला" बताया है, वहीं अन्य ने इसे "व्यक्तिगत संघर्ष और आत्मरक्षा के बीच की रेखा" के रूप में चित्रित किया है। यमन की न्याय व्यवस्था और भारत सरकार की कूटनीतिक कोशिशों पर भी प्रकाश डाला जा रहा है।
मामला फिलहाल एक संवेदनशील मोड़ पर है, और भारत सरकार की कोशिश है कि कानूनी रास्ते और आपसी समझ से निमिषा प्रिया की जान बचाई जा सके।